Congress Map Controversy: कांग्रेस के पोस्टर में गलत भारत का नक्शा, BJP नेता सुधांशु त्रिवेदी ने पूछा- किसके आदेश पर हो रहा है ये?
Congress Map Controversy: कांग्रेस पार्टी को एक नए विवाद का सामना करना पड़ा है। इस बार विवाद कांग्रेस के एक पोस्टर को लेकर उठ खड़ा हुआ है, जो बेलगांव, कर्नाटका में एक कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक के दौरान लगाया गया था। इस पोस्टर में भारत का गलत नक्शा दिखाया गया, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (POK) और अक्साई चिन को भारत से हटा दिया गया था। यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और इसके बाद बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए सवाल उठाए।
सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
BJP सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस पोस्टर को देखकर यह सवाल उठता है कि क्या हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने देश की एकता और अखंडता के लिए बलिदान दिया था? उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का यह कदम उनके भारत को टुकड़ों में बांटने वाले तत्वों से गठजोड़ को उजागर करता है।
सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा, “आज पूरा देश वीर बाल दिवस मना रहा है, जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस द्वारा इस प्रकार का अपमानजनक पोस्टर जारी किया जा रहा है। बेलगांव में कांग्रेस की बैठक में यह गलत नक्शा दिखाया गया है, जिसमें पाकिस्तान द्वारा कब्जा किए गए कश्मीर और अक्साई चिन को भारत के नक्शे से हटा दिया गया है।”
वायरल होने के बाद पोस्टर को हटाया
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जब यह पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो कांग्रेस ने उसे जल्द ही डिलीट कर दिया। लेकिन कई लोग इस पोस्ट का स्क्रीनशॉट ले चुके थे और अब यह स्क्रीनशॉट्स भी सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे हैं। बीजेपी नेता ने कांग्रेस से यह सवाल किया कि यह लगातार क्यों हो रहा है? इसके पीछे किसका हाथ है? क्या इस घटना का कोई संबंध जॉर्ज सोरोस जैसे अंतर्राष्ट्रीय हस्तियों से है?
कांग्रेस का इरादा स्पष्ट होता है
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि इस घटना से कांग्रेस की मंशा साफ हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस का यह कदम पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और अक्साई चिन को भारत का हिस्सा मानने से मना करने के समान है, जो देश की संप्रभुता के खिलाफ है। बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि कांग्रेस के पुराने सहयोगी दल, जैसे कि डीएमके, पहले भी इस तरह का गलत नक्शा दिखा चुके हैं।
कांग्रेस का इतिहास और गलत नक्शा
सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस की इतिहास पर भी सवाल उठाए। उन्होंने याद दिलाया कि इससे पहले भी कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने गलत नक्शे साझा किए थे। खासकर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने एक बार सोशल मीडिया पर गलत भारत का नक्शा साझा किया था, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और अक्साई चिन को भारत के नक्शे से हटा दिया गया था। त्रिवेदी ने पूछा कि कांग्रेस पार्टी के भीतर किसके निर्देश पर यह बार-बार हो रहा है?
क्या कांग्रेस का इरादा राष्ट्रविरोधी है?
बीजेपी नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि यह घटना केवल एक छोटी सी गलती नहीं है, बल्कि यह कांग्रेस पार्टी की ओर से भारत की एकता और अखंडता पर सवाल उठाने की कोशिश हो सकती है। सुधांशु त्रिवेदी ने इसे कांग्रेस की विचारधारा और उसके उद्देश्यों का एक हिस्सा बताया। उनका यह भी कहना था कि जब ऐसी घटनाएं बार-बार होती हैं, तो यह राष्ट्रविरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
कांग्रेस का पक्ष और स्पष्टीकरण
हालांकि, इस मुद्दे पर कांग्रेस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह स्थिति राजनीतिक रूप से और भी जटिल हो सकती है। कांग्रेस को इस आरोप का सामना करना पड़ सकता है कि वह देश की संप्रभुता के खिलाफ कदम उठा रही है। पार्टी के लिए यह संकट का विषय बन सकता है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और अन्य विपक्षी दलों के लिए यह मुद्दा एक बड़ा हथियार बन सकता है।
क्या कांग्रेस के नेताओं की जिम्मेदारी तय होगी?
अब यह देखना होगा कि कांग्रेस पार्टी इस मामले में क्या कार्रवाई करती है। क्या वह अपने नेताओं को जिम्मेदार ठहराएगी, जिन्होंने इस गलत नक्शे को सार्वजनिक किया, या फिर इसे महज एक गलती के रूप में खारिज कर देगी? कांग्रेस के भीतर इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया और निर्णय महत्वपूर्ण होगा क्योंकि यह पार्टी की छवि और उसके राजनीतिक संघर्ष को प्रभावित कर सकता है।
सुधांशु त्रिवेदी ने पूछा- क्या इस घटना का कोई अंतर्राष्ट्रीय संबंध है?
सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर यह आरोप भी लगाया कि इस घटनाक्रम के पीछे जॉर्ज सोरोस जैसे अंतर्राष्ट्रीय व्यक्ति का हाथ हो सकता है। उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया कि क्या यह कार्रवाई उनकी नीतियों और विचारधारा का हिस्सा है, जो भारत के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय ताकतों से जुड़ी हो सकती है? हालांकि, इस आरोप के पीछे कोई ठोस सबूत नहीं है, लेकिन यह बयान कांग्रेस के लिए एक और चुनौती पैदा कर सकता है।
इस विवाद ने कांग्रेस पार्टी को एक बार फिर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर घेर लिया है। सुधांशु त्रिवेदी ने इस मुद्दे को लेकर जो सवाल उठाए हैं, वे कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या वह अपने नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करती है या फिर इसे एक सामान्य गलती के रूप में खारिज कर देती है। इस पूरे घटनाक्रम ने राजनीतिक विमर्श को गरमा दिया है और यह मुद्दा आने वाले समय में और भी तूल पकड़ सकता है।